डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। आज (13 फरवरी) से इंग्लैंड और इंडिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मैच चेन्नई में शुरू हो गया है। लगभग 1 साल बाद दर्शक मैदान पर नजर आए हैं। इसी बीच पहले टेस्ट में करारी हार के बाद भारत ने एक बार फिर बॉल पर सवाल खड़े किए हैं। दूसरा टेस्ट मैच भी एसजी बॉल से खेला जा रहा है। हालांकि, टीम इंडिया के कई खिलाड़ी भारत में ही बनकर तैयार होने वाली इस बॉल पर ही सवाल खड़े कर चुके हैं। इसके बाद इस बॉल में कुछ परिवर्तन किए गए हैं।
दूसरी तरफ, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी बिशन सिंह बेदी ने भारतीय खिलाड़ियों के इस तरह के सवालों पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा है कि इंग्लैंड से हारने के बाद प्लेयर्स को एसजी बॉल, विकेट, टॉस हारना। इस तरह के बहानों से बचना चाहिए। अच्छा क्रिकेट खेलिए, रिजल्ट भी अच्छे आएंगे। बहाने बनाना भारतीय टीम को बंद कर देना चाहिए।
यहां जानिए SG बॉल से जुड़ी हर बात…
इंग्लैंड से पहले टेस्ट में हार के बाद विराट ने एक बार फिर SG बॉल पर आपत्ति जताई है।
विराट और अश्विन ने कहा था कि SG बॉल बहुत जल्दी घिस जाती है।
SG बॉल पर टीम इंडिया की शिकायत के बाद नए सिरे से काम किया।
बॉल की सीम पर काम किया, ताकि 80 ओवर तक ग्रिप बनी रहे।
बॉल के अंदर के कॉर्क की हार्डनेस को बेहतर किया गया।
यह हार्डनेस 50 से 60 ओवर तक बनी रहेगी। इससे बॉल बेहतर बाउंस होगाी और गेंदबाजों को मदद मिलेगी।
खिलाड़ियों के सुझाव पर बॉल के कलर को पहले से ज्यादा डार्क किया गया।
तीन तरह की बॉल होती हैं, SG हैंडमेड, ड्यूक और कूकाबुरा।
कूकाबुरा: ये बॉल ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश, जिम्बाब्वे और अफगानिस्तान टेस्ट मैच के लिए इस्तेमाल करते हैं। ये ऑस्ट्रेलिया में बनाई जाती है।
ड्यूक: इंग्लैंड, आयरलैंड और वेस्टइंडीज इसका इस्तेमाल करते हैं। ये बॉल इंग्लैंड में बनती है।
SG: भारत अकेला देश है जो SG बॉल का इस्तेमाल करता है। ये बॉल भारत में ही बनती है। इस बॉल की सीम उभरी हुई होती है।
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